श्री कपूरारामजी दर्जी
नाम | कपूराराम दर्जी |
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पिता का नाम | शंकरलाल दर्जी |
माता का नाम | लेहरी देवी |
जन्मतिथि | 7 अगस्त 1981 |
जन्म स्थान | जेतू , तहसील – बागौडा, जिला – जालोर (राजस्थान) |
प्राथमिक शिक्षा | राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जेतू |
माध्यमिक शिक्षा | राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय भीनमाल |
उच्च शिक्षा | राजकीय दरबार आचार्य संस्कृत महाविद्यालय जोधपुर |
शैक्षणिक योग्यता | शास्त्री,शिक्षा शास्त्री,साहित्याचार्य, अधिस्नातक हिंदी |
मोबाइल नंबर | 9784717997 |
ई-मेल | krd7881@gmail.com |
सेवा क्षेत्र | आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय भीनमाल |
महाकवि माघ का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक के लेखक श्री कपूरारामजी दर्जी का जीवन परिचय
कपूराराम जी दर्जी का जन्म 07 अगस्त 1981 को राजस्थान के जालोर जिले के बागौड़ा तहसील के छोटे से गांव जेतु में हुआ था । इनके पिता का नाम शंकरलालजी दर्जी और माता का नाम लेहरी देवी है । आपको बता दे कि कपूराराम जी ने हाल ही में महाकवि माघ “व्यक्तित्व” एवं “कृतित्व” नामक पुस्तक का निर्माण कर माता-पिता और समाज के साथ-साथ अपने पैतृक गांव जेतु एवम् भीनमाल शहर का भी नाम रोशन किया है । और उनके द्वारा पढ़ाए हुए अनेक विद्यार्थी डाक्टर, इंजिनियर,बैंक मैनेजर,शिक्षक एवं अनेक पदों पर कार्यरत एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं ।
कपूराराम जी दर्जी जेतु |
महाकवि माघ का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक के लेखक श्री कपूरारामजी दर्जी की शिक्षा
कपूराराम जी ने अपनी उच्च प्राथमिक तक की शिक्षा उच्च प्राथमिक विद्यालय जेतु से, उच्च माध्यमिक (प्रवेशिका ,वरिष्ठ उपाध्याय,)राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय भीनमाल से शास्त्री, साहित्याचार्य तक की शिक्षा राजकीय दरबार आचार्य संस्कृत महाविद्यालय जोधपुर ,शिक्षा शास्त्री राजस्थान विद्यापीठ, शाहपुरा बाग जयपुर संबंध जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर ,अधिस्नातक हिन्दी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जालोर से नियमित शिक्षा प्राप्त की है ।
महाकवि माघ का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक के लेखक श्री कपूरारामजी दर्जी द्वारा अपनी सेवाएं
कपूराराम जी ने सर्वप्रथम अध्यापन का कार्य आलोक पब्लिक स्कूल भीनमाल से 2003 में प्रारंभ किया। 2004 में अतिथि शिक्षक के पद पर राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय भीनमाल में सेवा भी दे चुके है ।
2005 से 2008 तक इन्दिरा पब्लिक स्कूल माध्यमिक में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवा दी। जुलाई 2008 से आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक भीनमाल मे 12 वर्षों से संस्कृत आचार्य के पद पर कार्यरत है ।
आदर्श शिक्षण संस्थान जालोर द्वारा श्री कपूरारामजी दर्जी को सम्मान
आदर्श शिक्षण संस्थान जालोर के द्वारा 2009 में श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में स्वतंत्र दिवस पर पांच हजार रुपए नकद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। संस्कृति ज्ञान परीक्षा में निबंध प्रतियोगिता में भी जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में प्रवेशिका, मध्यमा, उत्तमा एवं प्रज्ञा परीक्षा भी कपूराराम जी ने अच्छे अंको से उत्तीर्ण की है । 18 वर्षों से संस्कृत विषय का अध्यापन करवा रहे है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग भी किया हुआ है । कपूराराम जी अध्यापन के साथ – साथ लेखन के क्षेत्र में विशेष रुचि रखते है।
दर्जी समाज की मासिक पत्रिका पीपा प्रकाश में श्री कपूरारामजी दर्जी द्वारा लेखन
दर्जी समाज की मासिक पत्रिका पीपा प्रकाश में नियमित रूप से शिक्षा, संस्कार एवं सामाजिक विषय पर 15 वर्षों से नियमित निबंध लेखन करते हैं।
कवि माघ विषय पर लेखन भी करतें हैं उनके द्वारा लिखित लेख प्रतिवर्ष माघ जयंती के अवसर पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। प्रतिवर्ष माघ जयंती के अवसर पर विद्यालय एवं माघ स्मारक पर संस्कृत भाषा में उद्बोधन देते है। दर्जी समाज के मंच पर अनेक बार अनेक जगह सम्मानित हुए है। आप
श्री कपूरा रामजी दर्जी की अपने पैतृक काम में रुचि के साथ कुछ अच्छी विशेषताए
- श्री कपूरा रामजी दर्जी अध्यापन और लेखन के साथ-साथ वो अपने पैतृक काम में भी पीछे नहीं है । कपूराराम जी पैतृक कार्य सिलाई का कामकाज भी करते है ।
- ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्र में विशेष रुचि रखते हैं एवं पंचांग देखना भी जानते है। संस्कृत भाषा मे अच्छी पकड़ रखते हैं एवं धारा प्रवाह संस्कृत बोलते है।
- भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के साधक है सादा जीवन एवं उच्च विचार को प्राथमिकता देते है। नि:स्वार्थ भाव से अध्यापन कार्य करवा रहे हैं ।
- आप हिंदी,संस्कृत, ज्योतिष एवं इतिहास में विशेष रुचि रखते है।
- साथ ही कपूराराम जी का पढ़ाने का अंदाज भी कुछ अलग है जिसमे वो छात्रों में हंसी मजाक के साथ न्यू अंदाज में पढ़ाते है । जिससे उनमें और छात्रों के मध्य काफी अच्छे संबध है ।
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर में राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा में कपूरारामजी दर्जी का चयन
हाल ही में कपूराराम जी का चयन राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर में राज्य पाठ्यक्रम रूपरेखा को तैयार करने में हुआ है । कपूराराम जी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में चयन होने से इनका ये संस्कृत के क्षेत्र में ज्ञान अब राजस्थान के हर छात्र को मिलेगा ।
राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा में कपूरारामजी दर्जी का चयन |
महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक का लेखन – श्री कपूरारामजी दर्जी
आपने भीनमाल नगर के गौरव कवि माघ विषयक एक मात्र पुस्तक “महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व” लिखकर भीनमाल नगर के गौरव को बढ़ाया है । यह पुस्तक हम सब के लिए उपयोगी है हिंदी भाषा में लिखी गई है इस पुस्तक को जरुर पढ़ना चाहिए इसमें महाकवि माघ का जीवन एवं व्यक्तित्व के बारे में संपूर्ण वर्णन किया गया है ।
महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक के बारे में संक्षिप्त जानकारी
मरुभूमि राजस्थान न केवल वीरों और भक्तों की भूमि हैं, अपितु विद्वानों, महाकवियों की भी भूमि हैं। संस्कृत साहित्य में ब्रहत्त्रयी के नाम से प्रसिद्ध तीन महाकाव्य हैं:- भारवि कवि का किरातार्जुनीय, माघ कवि का शिशुपालवध और श्रीहर्ष कवि का नैषधीयचरित।
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महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक का लेखन – श्री कपूरारामजी दर्जी |
महाकवि माघ का जन्म राजस्थान के जालोर जिले के (श्रीमालनगर) वर्तमान भीनमाल नगर में हुआ था। भीनमाल नगर में ब्रह्म स्फुट सिद्धांत के रचयिता महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त (598-665 ई.) एवं शिशुपाल वध महाकाव्य के रचयिता महाकवि माघ (675) ई. का जन्म हुआ। माहुल, धाइल्ल आदि विद्वान भी इस नगर से सम्बंधित थे। भीनमाल नगर में महाकवि माघ एवं महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त का पैनोरमा का निर्माण भी हुआ है।
प्रस्तुत पुस्तक ”महाकवि माघ का व्यक्तित्व एवं कृतित्व“ में महाकवि माघ के जीवन एवं रचना से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी देने हेतु भरसक प्रयास किए गए हैं। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक शोधकत्र्ताओं तथा आम पाठकों के लिए महाकवि माघ पर एक सम्पूर्ण उपयोगी पुस्तक सिद्ध होगी।
महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक के अध्याय
- भारतीय संस्कृत साहित्य
- काव्य साहित्य-उत्पत्ति और विकास
- महाकवि माघ से पूर्व काव्य शैली
- महाकाव्य का लक्षण
- आचार्य विश्वनाथ द्वारा महाकाव्य का लक्षण
- काव्य का प्रयोजन
- महाकवि माघ का अभिमत काव्य स्वरुप
- महाकवि माघ का जीवन परिचय
- महाकवि माघ का स्थिति काल
- महाकवि माघ विरचित शिशुपाल वध का परिचय
- शिशुपाल वध : एक दृष्टि में
- शिशुपाल वध महाकाव्य का संक्षिप्त कथासार
- माघे संति त्रयोगुणा:
- नवसर्गगते माघे नवशब्दो न विध्यते
- महाकवि माघ का पांडित्य
- महाकवि माघ की काव्य-शैली तथा समीक्षा
- महाकवि माघ का प्रकृति – चित्रण
- महाकवि माघ का विरद “घण्टा माघ”
- शिशुपाल वध महाकाव्य : एक आलोचनात्मक विवेचन
- शिशुपाल वध का महाकाव्यत्म
- शिशुपाल वध में तात्कालिक स्थिति
- भीनमाल का ऐतिहासिक महत्व
- इतिहास प्रसिद्ध है भीनमाल
- महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त
- महाकवि माघ की प्रशस्तिया
- महाकवि माघ तथा भारवि
- शिशुपाल वध में प्रमुख सुक्तिया
महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक के लेखक कपूराराम जी दर्जी का राजस्थान सरकार “योग्यता पारितोषिक ” हेतु चयन
महाकवि माघ व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक कैसे खरीदे
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